नहीं, वीडियो में पीएम नरेंद्र मोदी को ईवीएम का विरोध करते हुए नहीं दिखाया गया है

लेखक: मोहम्मद सलमान
दिसंबर 22 2023

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नहीं, वीडियो में पीएम नरेंद्र मोदी को ईवीएम का विरोध करते हुए नहीं दिखाया गया है

सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा है कि कि इस वीडियो में पीएम मोदी ईवीएम का विरोध करते नज़र आ रहे हैं. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

फैक्ट चैक

निर्णय असत्य

मोदी के 2016 के भाषण के एक छोटे हिस्से को ग़लत दावे के साथ शेयर किया गया है. असल में, उन्होंने ईवीएम का इस्तेमाल करने के लिए भारतीयों की सराहना की थी.

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दावा क्या है?

भारत में ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की विश्वसनीयता को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है. इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें अमेरिका समेत दुनिया के ‘शिक्षित’ देशों में चुनावों के दौरान बैलेट पेपर के इस्तेमाल पर बोलते हुए सुना जा सकता है. सोशल मीडिया यूज़र्स वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि इसमें पीएम मोदी ईवीएम का विरोध करते नज़र आ रहे हैं.

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने यह क्लिप शेयर करते हुए कैप्शन दिया,"मोदी जी का EVM के विरोध का पुराना वीडियो..." इस पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखा जा सकता है. इसी दावे के साथ शेयर किये गए अन्य पोस्ट यहां और यहां देखे जा सकते हैं.

वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

हालांकि, यह उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में पीएम मोदी के 2016 के भाषण का एक एडिटेड वीडियो है जिसे ग़लत संदर्भ के साथ शेयर किया गया है. असल में, मोदी ने ईवीएम अपनाने के लिए भारत के लोगों की सराहना की थी और जो बैलट पेपर का इस्तेमाल करने वाले देशों पर कटाक्ष किया था.

सच का पता कैसे लगाया?

हमने पाया कि पीएम मोदी जिस पोडियम के सामने खड़े होकर भाषण दे रहे हैं, उसपर 'परिवर्तन महारैली' लिखा हुआ है. इससे हिंट लेकर, हमने संबंधित कीवर्ड्स के ज़रिये वायरल क्लिप के फ़ुल वर्ज़न को खोजा, जो हमें दिसंबर 3, 2016, को नरेंद्र मोदी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया मिला.

वीडियो के साथ उपलब्ध जानकारी के मुताबिक़, पीएम मोदी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में बीजेपी की परिवर्तन महारैली को सम्बोधित कर रहे थे. इसमें मोदी ने अपनी सरकार और पार्टी द्वारा जनता के लिए किए गए कामों की चर्चा की थी. अपने भाषण में उन्होंने बैंकिंग और भुगतान जैसे रोज़मर्रा के मामलों के लिए भारतीयों द्वारा डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग के बारे में बात की. इसके बाद उन्होंने ईवीएम के इस्तेमाल का भी ज़िक्र किया. 

क़रीब 55 मिनट 8 सेकंड की समयावधि से पीएम मोदी को कहते हुए सुना जा सकता है, "कुछ लोग कहते हैं हमारा देश ग़रीब है, लोग अनपढ़ हैं, लोगों को कुछ आता नहीं है. भाईयो-बहनों दुनिया के पढ़े-लिखे देश भी...जब चुनाव होता है न ..तो बैलट पेपर पर नाम पढ़कर फिर ठप्पा मारते हैं...आज भी...अमेरिका में भी. यह हिंदुस्तान है जिसको आप अनपढ़ और ग़रीब कहते हो, वो बटन दबाकर वोट देना जानता है." आगे वह कहते हैं, "भारत के लोगों की ताक़त को कम मत आंकिये. एक बार उसको पता चले कि ईमानदारी का रास्ता ये है, तो मेरे देश का ग़रीब से ग़रीब भी चल पड़ता है... मेरा देश डिजिटल इंडिया बनने को तैयार बैठा है."

हमने पाया कि यही वीडियो बीजेपी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड किया गया था. इसमें वायरल क्लिप वाले हिस्से को 1 घंटा 9 मिनट की समयावधि पर देखा जा सकता है. 

इससे स्पष्ट होता है कि पीएम मोदी न तो ईवीएम का विरोध कर रहे हैं और न ही बैलट पेपर को प्राथमिकता दे रहे हैं. प्रधानमंत्री बल्कि ईवीएम अपनाने के लिए भारतीयों की प्रशंसा कर रहे हैं. 

निर्णय 

उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2016 के भाषण का एक एडिटेड वीडियो इस फ़र्ज़ी दावे के साथ शेयर किया गया कि उन्होंने वोटिंग के लिए बैलट पेपर बेहतर बताते हुए ईवीएम का विरोध किया. इसलिए, हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं. 

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ग्लोबल फैक्ट चेक पूरा हुआ

हमारे जीवन पर असर डालने वाले फैसलों के लिए हम सूचना पर भरोसा करते हैं, लेकिन इंटरनेट के जरिए ग़लत सूचनाएं इतनी तेजी से लोगों तक पहुंचाई जा रही है जैसा पहले कभी नहीं हुआ था.