नहीं, तस्वीर में अखिलेश और डिंपल यादव गैंगस्टर अतीक अहमद को श्रद्धांजलि देते नहीं दिख रहे हैं

लेखक: मोहम्मद सलमान
मार्च 5 2024

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नहीं, तस्वीर में अखिलेश और डिंपल यादव गैंगस्टर अतीक अहमद को श्रद्धांजलि देते नहीं दिख रहे हैं

सोशल मीडिया यूज़र्स इस तस्वीर के ज़रिये दावा कर रहे हैं कि अखिलेश यादव और डिंपल यादव ने गैंगस्टर अतीक अहमद और अशरफ़ की क़ब्र पर जाकर श्रद्धांजलि दी. (एक्स/स्क्रीनशॉट)

फैक्ट चैक

निर्णय असत्य

यह तस्वीर नवंबर 2022 की है, जब मैनपुरी उपचुनाव के नामांकन से पहले अखिलेश यादव और डिंपल यादव सैफई में मुलायम सिंह यादव की समाधि गए थे.

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भारत में लोकसभा चुनाव 2024 नज़दीक हैं. हालांकि अभी तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन राजनीतिक पार्टियां पूरी तरह चुनावी मूड में हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर राजनेताओं से जुड़े दावे सामने आने लगे हैं.

दावा क्या है?

इसी कड़ी में, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी सांसद पत्नी डिंपल यादव की एक तस्वीर शेयर की जा रही है, जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि उन्होंने गैंगस्टर अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ़ की क़ब्र पर जाकर श्रद्धांजलि दी.

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने तस्वीर पोस्ट करते हुए कैप्शन दिया, "एनकाऊंटर में ढेर हुए अतीक अहमद और अशरफ की कब्र पर. उनके बेटे बहू अखिलेश ओर डिंपल यादव.." पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. अन्य पोस्ट यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं. 

वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

हालांकि, वायरल दावा ग़लत है. यह तस्वीर नवंबर 2022 में मैनपुरी उपचुनाव के नामांकन से पहले ली गई थी, जब अखिलेश यादव और डिंपल यादव ने मुलायम सिंह यादव की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की थी.

हमने सच्चाई कैसे पता लगायी? 

हमने वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये सर्च किया, तो यह हमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव के 14 नवंबर, 2022 के एक पोस्ट में मिली. इस पोस्ट में दो तस्वीरें शेयर की गई थीं. पहली तस्वीर में अखिलेश और डिंपल हाथ जोड़े खड़े हैं और उनके सामने मुलायम सिंह यादव का फ्रेम है जिस पर माला डाला गया है. वहीं, दूसरी तस्वीर वही है जो इस समय वायरल है.

इस पोस्ट के कैप्शन में अखिलेश यादव ने लिखा, "मैनपुरी उपचुनाव में सपा के प्रत्याशी के रूप में दरअसल नेताजी की समाजवादी आस्थाओं का ही नामांकन हो रहा है. जिस प्रकार दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी दलों के लोगों और जनमानस ने सैफई आकर नेताजी को श्रद्धांजलि दी है, उसका सच्चा परिणाम ये होगा कि सपा प्रत्याशी की ऐतिहासिक जीत होगी." 

यही तस्वीर डिंपल यादव ने भी 14 नवंबर 2022 को अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट पर पोस्ट की थी. और लिखा था, "नेताजी को सादर नमन के साथ, हम आज का नामांकन उनके सिद्धांतों और मूल्यों को समर्पित कर रहे हैं."  

इससे पता चलता है कि अखिलेश और डिंपल मैनपुरी उपचुनाव 2022 के नामांकन से पहले मुलायम सिंह यादव की समाधि पर श्रद्धांजलि देने सैफई पहुंचे थे. ये तस्वीर उसी समय ली गई थी.

इस बारे में हमें अमर उजाला, नवभारत टाइम्स हिंदुस्तान समेत तमाम मीडिया आउटलेट्स की रिपोर्ट्स भी मिलीं, जिनमें यही तस्वीर मौजूद है. 

यहां जानकारी के लिए बता दें कि सैफई मुलायम सिंह यादव का गांव है, जहां उनकी समाधि बनी हुई है. 

यहां यह भी ध्यान देने वाली बात है कि यह तस्वीर 2022 की है, जबकि अतीक अहमद और अशरफ़ की हत्या अप्रैल 2023 में हुई थी. 15 अप्रैल, 2023 को यूपी के गैंगस्टर और पूर्व सांसद अतीक अहमद और अशरफ़ की प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) में उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वे कॉल्विन अस्पताल से बाहर आ रहे थे. पत्रकार बनकर आए तीन हमलावरों ने पुलिस के सामने ही अतीक और अशरफ़ पर फायरिंग की थी. हत्या के अगले दिन, दोनों को प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में दफ़नाया गया था.

हमें ऐसी कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें यह बताया गया हो कि अखिलेश यादव अतीक अहमद के अंतिम संस्कार के दौरान या हाल के दिनों में अतीक अहमद की क़ब्र पर जाने के लिए प्रयागराज गए थे.

निर्णय

हमारी अब तक की जांच से यह साफ हो गया है कि वायरल तस्वीर में अखिलेश और डिंपल अपने पिता मुलायम सिंह यादव की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते नज़र आ रहे हैं. इसलिए, हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं. 

क्या आप फ़ैक्ट-चेक के लिए कोई दावा प्रस्तुत करना चाहेंगे या हमारी संपादकीय टीम से संपर्क करना चाहेंगे?

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ग्लोबल फैक्ट चेक पूरा हुआ

हमारे जीवन पर असर डालने वाले फैसलों के लिए हम सूचना पर भरोसा करते हैं, लेकिन इंटरनेट के जरिए ग़लत सूचनाएं इतनी तेजी से लोगों तक पहुंचाई जा रही है जैसा पहले कभी नहीं हुआ था.