मणिपुर की राज्यपाल ने आरएसएस के कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया, वायरल दावा ग़लत है

लेखक: मोहम्मद सलमान
अगस्त 22 2023

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मणिपुर की राज्यपाल ने आरएसएस के कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया, वायरल दावा ग़लत है

फैक्ट चैक

निर्णय असत्य

वीडियो में दिखाई देने वाली महिला मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके नहीं, बल्कि एक दक्षिणपंथी संगठन की सदस्या शबनम जैन कुंद्रा है.

क्लेम आईडी 2d65efd2

दावा क्या है?

मणिपुर के कुकी जनजाति द्वारा कथित ‘नार्को-आतंकवाद’ के मुद्दे पर आयोजित एक कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर ग़लत दावे के साथ वायरल हो रहा है. इस वीडियो में दिखाई देने वाली एक महिला को मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके बताया जा रहा है. वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया गया है मणिपुर की राज्यपाल अल्पसंख्यक कुकियों के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने वाली आरएसएस प्रायोजित बैठक में भाग ले रही हैं.

वायरल ट्वीट का स्क्रीनशॉट (Source: X/@geetv79)

एक्स (ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन दिया, "राहुल गांधी ने भविष्यवाणी की थी कि भाजपा-आरएसएस की विचारधारा ने मणिपुर को जला दिया. मणिपुर की राज्यपाल अल्पसंख्यक कुकियों के ख़िलाफ़ नफ़रत फ़ैलाने वाले आरएसएस द्वारा प्रायोजित बैठक में भाग ले रही हैं."

हालांकि, लॉजिकली फ़ैक्ट्स की जांच में सामने आया कि मणिपुर की राज्यपाल ने इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया. इस कार्यक्रम के एक आयोजक सोहन गिरी ने स्पष्ट किया कि वीडियो में दिखाई देने वाली महिला हिन्द सेना की सदस्या शबनम जैन कुंद्रा हैं, नाकि मणिपुर की राज्यपाल.

फ़ैक्ट चेक 

लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने वीडियो के साथ किये गए दावे की सत्यता जांचने के लिए सबसे पहले वीडियो को ध्यानपूर्वक देखा और पाया कि पीछे बैनर पर ‘सेव मणिपुर’, ‘सेव इंडिया फ्रॉम कुकी नार्को टेररिस्ट’ लिखा हुआ है. और बैनर पर अखिल भारत हिन्दू महासभा, भारत रक्षा मंच, राष्ट्रहित सर्वोपरी संगठन समेत कई हिंदुत्व संगठनों का नाम लिखा हुआ है.


वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट जिसमें आयोजकों को कार्यक्रम के बैनर पर दिखाया गया है (Source: X/@geetv79)

हमने इससे हिंट लेकर फ़ेसबुक पर इस कार्यक्रम से जुड़े वीडियो/तस्वीरों को खोजा तो हमें राष्ट्रहित सर्वोपरि संगठन के संस्थापक अध्यक्ष सोहन गिरी का 10 अगस्त का एक पोस्ट मिला. इस पोस्ट में इस कार्यक्रम की कई तस्वीरें मौजूद थीं. इन तस्वीरों में उसी महिला को देखा जा सकता है जिसे मणिपुर की राज्यपाल के रूप प्रचारित किया जा रहा है. 

हमने इस कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए सोहन गिरी से संपर्क किया.

सोहन गिरी ने लॉजिकली फ़ैक्ट्स को बताया, “मैंने और 7 अन्य संगठनों ने मिलकर इस कार्यक्रम का आयोजन किया था. यह 8 अगस्त को दिल्ली में साकेत स्थित एक फ़ार्म हाउस में हुआ था और यह आरएसएस द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम नहीं था. इसमें मणिपुर की राज्यपाल के भाग लेने वाली बात ग़लत है.”


कार्यक्रम के आयोजक सोहन गिरी के फ़ेसबुक पोस्ट में उस महिला को देखा जा सकता है (Source: Facebook/Sohan Giri)

वीडियो में दिखाई देने वाली महिला के बारे में जानकारी देते हुए सोहन ने कहा, “वह हमारे ही एक संगठन- हिन्द सेना की सदस्या शबनम जैन हैं. मैं स्पष्ट कर दूं कि मणिपुर की राज्यपाल ने इसमें हिस्सा नहीं लिया.”

हमने शबनम जैन की तस्वीर को मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके की तस्वीर से मिलान किया तो हमें दोनों के बीच अंतर दिखाई दिया.

वायरल वीडियो में दिख रही महिला और मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके की तस्वीरों की तुलना (Source: X/geetv79, rajbhavanmanipur.nic.in)

इसके बाद, हमने कार्यक्रम के एक अन्य आयोजक वरुण भाटी से संपर्क किया जिसमें उन्होंने वायरल दावे को ख़ारिज कर दिया. वरुण ने कहा, “मणिपुर की राज्यपाल इसमें शामिल नहीं थी. राज्यपाल किसी व्यक्तिगत बैठक में क्यों शामिल होंगी?”

हमें अपनी जांच के दौरान मणिपुर पुलिस के आधिकारिक एक्स हैंडल से 19 अगस्त, 2023 को किया गया एक ट्वीट मिला, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि वीडियो में जो महिला बैठी हुई दिखाई दे रही है वह मणिपुर की राज्यपाल नहीं है. ट्वीट में साइबर पुलिस थाने में एफ़आईआर करने की बात भी लिखी गयी है.

मणिपुर पुलिस ने ट्वीट करके वायरल दावे का खंडन किया (Source : X/Manipur_police)

इसके बाद, हमने मणिपुर राज्यपाल के एडीसी मेजर राहुल पथानिया से संपर्क किया. “दावा ग़लत है. वीडियो में बैठी हुई महिला मणिपुर की राज्यपाल नहीं हैं. सभी के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई है,” राज्यपाल के एडीसी ने लॉजिकली फ़ैक्ट्स को बताया.

फ़ैसला 

लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने पाया कि वीडियो में बैठी हुई दिखाई देने वाली महिला मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके नहीं, बल्कि एक दक्षिणपंथी संगठन की सदस्या है. कार्यक्रम के आयोजक, मणिपुर पुलिस और राज्यपाल के एडीसी स्वयं इसकी पुष्टि करते हैं. इसलिए, हम वायरल दावे को फ़र्ज़ी मानते हैं.

क्या आप फ़ैक्ट-चेक के लिए कोई दावा प्रस्तुत करना चाहेंगे या हमारी संपादकीय टीम से संपर्क करना चाहेंगे?

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ग्लोबल फैक्ट चेक पूरा हुआ

हमारे जीवन पर असर डालने वाले फैसलों के लिए हम सूचना पर भरोसा करते हैं, लेकिन इंटरनेट के जरिए ग़लत सूचनाएं इतनी तेजी से लोगों तक पहुंचाई जा रही है जैसा पहले कभी नहीं हुआ था.