भोंपू बजाकर लोगों को परेशान करने वाले लड़कों को सज़ा देती पुलिस का ये वीडियो उत्तर प्रदेश का नहीं है

लेखक: मोहम्मद सलमान
अक्तूबर 27 2023

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भोंपू बजाकर लोगों को परेशान करने वाले लड़कों को सज़ा देती पुलिस का ये वीडियो उत्तर प्रदेश का नहीं है

दावा है कि यह वीडियो उत्तर प्रदेश के लखनऊ का है, जहां दशहरा मेले में भोंपू बजाकर लोगों को परेशान करने वाले लड़कों को यूपी पुलिस ने सबक सिखा दिया. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

फैक्ट चैक

निर्णय असत्य

यह वीडियो 2022 में मध्य प्रदेश के जबलपुर की एक घटना का है, जब दशहरा मेले में भोंपू बजाकर लोगों को परेशान करने वाले लड़कों को पुलिस ने अनोखी सज़ा दी थी.

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दावा क्या है? 

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) और फ़ेसबुक पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें पुलिसकर्मी दो लड़कों को अनोखी सज़ा देते हुए नज़र आ रहे हैं. पुलिस दोनों लड़कों को एकदूसरे के कान में भोंपू बजवाते और उठक-बैठक करवाते हुई दिखाई दे रही है. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो उत्तर प्रदेश के लखनऊ का है, जहां दशहरा मेले में भोंपू बजाकर लोगों को परेशान करने वाले लड़कों को यूपी पुलिस ने सबक सिखा दिया. गौरतलब है कि देश भर में 25 अक्टूबर को दशहरा मनाया गया था. 

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने यूपी पुलिस को टैग करते हुए कैप्शन लिखा, “#लखनऊ : जैसे को तैसा मिला!! दशहरे के मेले में भोंपू बजाकर उधम मचाने वाले मनचलों को पुलिस ने अच्छा सबक सिखाया!!” रिपोर्ट लिखे जाने तक इस पोस्ट को 2 लाख 57 हज़ार से ज़्यादा बार देखा जा चुका है. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. इसी दावे के साथ शेयर किये गए अन्य पोस्ट यहां, यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.

वायरल पोस्ट के स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

हालांकि, यह वीडियो 2022 में मध्य प्रदेश के जबलपुर में हुई एक घटना का है.

सच्चाई क्या है? 

जब हमने वीडियो के साथ किए गए दावे की सच्चाई जानने के लिए संबंधित कीवर्ड और रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये खोज की, तो हमें 6 अक्टूबर, 2022 की एबीपी न्यूज की रिपोर्ट मिली, जिसमें वीडियो के समान दृश्य की तस्वीरों का एक कोलाज था. 

रिपोर्ट के मुताबिक़, यह वीडियो मध्य प्रदेश के जबलपुर का है, जहां नवरात्रि पर्व और दशहरे के दौरान सड़कों पर तेज़ आवाज़ में भोंपू बजाकर महिलाओं को परेशान करने वालों के ख़िलाफ़ पुलिस ने एक्शन लेते हुए उठक-बैठक करवाई और एकदूसरे के कान में भोंपू बजवाया.

वायरल वीडियो और एबीपी न्यूज़ रिपोर्ट में मौजूद तस्वीरों का स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स, एबीपी न्यूज़/स्क्रीनशॉट)

वहीं, नई दुनिया की 7 अक्टूबर, 2022 की रिपोर्ट में बताया गया है कि जबलपुर शहर में नवरात्रि के मौके पर सड़कों पर उतरी भीड़ के बीच कुछ शरारती तत्वों के ख़िलाफ़ पुलिस ने अनोखी कार्रवाई की. महिलाओं और लड़कियों को देखकर पुंगी (भोंपू) बजाकर शोर मचा रहे कुछ मनचलों को पकड़कर उन्हीं के कान में जमकर भोंपू बजवाया. 

रिपोर्ट में आगे घटना की जानकारी देते हुए बताया गया है कि जबलपुर की गढ़ा पुलिस पॉइंट लगाकर लोगों की सुरक्षा कर रही थी. इसी दौरान कुछ लड़के भोंपू बजाते हुए वहां से निकले. पुलिस ने उन्हें रोक लिया और पूछताछ करते हुए दोनों से को रोककर पूछताछ की और भोंपू बजाने का कारण पूछा. जब दोनों ने इसका जवाब नहीं दिया तो सबक सिखाने के लिए एक पुलिसकर्मी ने ख़ुद ही एक लड़के के कान में उसी का भोंपू बजा दिया और दूसरे से कहा कि वह अपने साथी के कान में लगाकर भोंपू बजाए. बाद में, दोनों से उठक-बैठक करवाकर हिदायत देते हुए छोड़ दिया गया. 

इसके बाद, जबलपुर में उस जगह को खोजने के लिए जहां वीडियो शूट किया गया था, हमने वीडियो में दिख रहे 'जैन स्वीट्स' को गूगल मैप्स पर सर्च किया तो पाया कि यह दुकान जबलपुर में नागपुर रोड पर थाना गढ़ा के ठीक सामने स्थित है.

हम वीडियो में दिखाई देने वाले ‘जैन स्वीट्स’ के बगल में धुंधला सा लिखा ‘..दूध डेरी’ और ‘tecno’ (टेक्नो) साइन बोर्ड को भी गूगल मैप्स पर ढूंढने में कामयाब रहे. 

वायरल वीडियो और गूगल मैप्स के दृश्यों की तुलना (सोर्स: एक्स, गूगल मैप्स/स्क्रीनशॉट)

इसी घटना का वीडियो एनडीटीवी इंडिया और टाइम्स नाउ नवभारत ने भी अक्टूबर 2022 में अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया था जिसमें बताया गया था कि ये वीडियो मध्य प्रदेश के जबलपुर का है.

निर्णय 

मध्य प्रदेश के जबलपुर का सालभर पुराना वीडियो इस ग़लत दावे के साथ शेयर किया गया कि यूपी पुलिस ने लखनऊ में भोंपू बजाकर लोगों को परेशान करने वाले लड़कों को उन्हीं के कानों में भोंपू बजवाकर सबक सिखाया. इसलिए हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं. 

क्या आप फ़ैक्ट-चेक के लिए कोई दावा प्रस्तुत करना चाहेंगे या हमारी संपादकीय टीम से संपर्क करना चाहेंगे?

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ग्लोबल फैक्ट चेक पूरा हुआ

हमारे जीवन पर असर डालने वाले फैसलों के लिए हम सूचना पर भरोसा करते हैं, लेकिन इंटरनेट के जरिए ग़लत सूचनाएं इतनी तेजी से लोगों तक पहुंचाई जा रही है जैसा पहले कभी नहीं हुआ था.