नहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने नहीं कहा कि भारत को दो हिस्सों में बांट देना चाहिए

लेखक: मोहम्मद सलमान
अप्रैल 5 2024

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नहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने नहीं कहा कि भारत को दो हिस्सों में बांट देना चाहिए

सोशल मीडिया पोस्ट्स का दावा है कि गृह मंत्री अमित शाह ने भारत को उत्तर और दक्षिण के रूप में दो हिस्सों में बांटने का बात कही है.(सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

फैक्ट चैक

निर्णय असत्य

वायरल वीडियो क्लिप्ड है, जिसे ग़लत संदर्भ में शेयर किया गया है. लंबे वीडियो में, अमित शाह ने कांग्रेस पर देश को दो हिस्सों में बांटने का आरोप लगाया था.

क्लेम आईडी 983dd0f6

दावा क्या है?

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पहले चरण के मतदान में अब सिर्फ दो हफ्ते बचे हैं. इस बीच, सोशल मीडिया पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का एक वीडियो क्लिप शेयर किया जा रहा है, जिसके साथ दावा किया गया है कि अमित शाह ने भारत को दो हिस्सों में बांटने की बात कही है. तीन सेकंड के इस वीडियो में, अमित शाह को अखते हुए सुना जा सकता है कि "इसका दो टुकड़ा होना चाहिए- साउथ और नार्थ." 

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन दिया, "जहाँ श्री अखिलेश,श्री राहुल पूरे देश को एक कर रहे है। हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सभी को साथ ले चल रहे है. वहा यह घों* कह रहा है की इस देश का दो टुकड़ा होना चाहिए... साऊथ और नार्थ क्युकी जहाँ जागरूकता ज्यादा है वहा ये जीत नहीं पाता है..." इस पोस्ट को अब तक 24,000 हज़ार से ज़्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं. इसका आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. इसी दावे के साथ शेयर किये पोस्ट्स के आर्काइव वर्ज़न यहां, यहां और यहां देखें.

वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

हालांकि, दावा भ्रामक है. गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस का ज़िक्र करते हुए कहा था कि देश को दो हिस्सों उत्तर और दक्षिण में बांटना कांग्रेस की नीति है.

हमने सच का पता कैसे लगाया?

हमने संबंधित कीवर्ड के ज़रिये खोजबीन की तो हमें मार्च 20, 2024 को प्रकाशित न्यूज़18 की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया है कि गृहमंत्री अमित शाह ने न्यूज़18 लीडरशिप कॉन्क्लेव ‘राइजिंग भारत’ 2024 में संबोधन के दौरान देश के विभाजन के मुद्दे पर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. इस रिपोर्ट में अमित शाह के उसी बयान का ज़िक्र किया गया है जिसे वायरल वीडियो में कहते सुना गया था. आगे अमित शाह के हवाले से कहा गया है कि देश की जनता मान रही है कि कांग्रेस की पॉलिसी यही है कि देश के दो टुकड़े होना चाहिए. पहला- दक्षिण भारत और दूसरा- उत्‍तर भारत.

इससे हिंट लेते हुए, हमने वीडियो के लंबे वर्ज़न की खोज की, जो हमें 20 मार्च को सीएनएन-न्यूज़18 के यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ मिला. इसमें दो घंटे 40 मिनट बाद एंकर अमित शाह से कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के उस बयान के बारे में पूछता है जिसमें कहा गया था कि दक्षिण भारत को एक अलग देश होना चाहिए. 

इसके जवाब में अमित शाह कहते हैं, "देखिये इसका जवाब तो राहुल गांधी को देना चाहिए. आज तक कांग्रेस ने उस नेता के बयान से कन्नी नहीं काटी है. देश की जनता तो मान रही है कि कांग्रेस की पॉलिसी ये है कि देश के दो टुकड़े होने चाहिए, साउथ और नॉर्थ इंडिया. मगर राहुल बाबा आप चिंता मत करो. अब भाजपा इतनी ताकतवर हो गई है कि कांग्रेस दूसरी बार देश का विभाजन नहीं कर पाएगी. कभी इस देश के दो टुकड़े नहीं हो पाएंगे. क्या कर रहे हैं आप, चुनाव जीतने के लिए दो देश बनाने की बात कर रहे हैं.."

यहां यह साफ़ हो जाता है कि अमित शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि कांग्रेस की देश को दो हिस्सों में बांटने की पॉलिसी है. 

दरअसल, कर्नाटक की बेंगलुरु ग्रामीण सीट से कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने केंद्र सरकार के अंतरिम बजट में दक्षिणी राज्यों के साथ अन्याय का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि जो धनराशि दक्षिण तक पहुंचनी चाहिए थी, उसे डायवर्ट कर उत्तर भारत में बांटा जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा, “अगर हमने इसकी निंदा नहीं की तो आने वाले दिनों में हम हिंदी क्षेत्रों द्वारा हम पर थोपे जाने के कारण एक "अलग देश" की मांग करने के लिए मजबूर हो सकते हैं.”

डीके सुरेश के इस बयान पर काफी विवाद हुआ था. बीजेपी ने कांग्रेस पर दूसरे बंटवारे की साजिश रचने का आरोप लगाया था. हालांकि, कांग्रेस ने इस बयान से ख़ुद  को अलग कर लिया था और डीके सुरेश ने भी इस पर सफाई दी थी. 

निर्णय 

हमारी अब तक की जांच से ये साफ़ हो गया है कि गृह मंत्री अमित शाह का वायरल हो रहा वीडियो बातचीत का एक छोटा सा हिस्सा है, जिसे ग़लत संदर्भ में शेयर किया गया है. जबकि पूरी बातचीत में उन्होंने कहा था कि देश को उत्तर और दक्षिण दो हिस्सों में बांटना कांग्रेस की नीति है.

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ग्लोबल फैक्ट चेक पूरा हुआ

हमारे जीवन पर असर डालने वाले फैसलों के लिए हम सूचना पर भरोसा करते हैं, लेकिन इंटरनेट के जरिए ग़लत सूचनाएं इतनी तेजी से लोगों तक पहुंचाई जा रही है जैसा पहले कभी नहीं हुआ था.