नहीं, ये वीडियो मध्य प्रदेश में बीजेपी नेता के घर पर ईडी की छापेमारी का नहीं है

लेखक: मोहम्मद सलमान
सितंबर 28 2023

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नहीं, ये वीडियो मध्य प्रदेश में बीजेपी नेता के घर पर ईडी की छापेमारी का नहीं है

मध्य प्रदेश के इंदौर में बीजेपी नेता शेखर अग्रवाल के घर पर की गई छापेमारी के दावे से वायरल हुए वीडियो का स्क्रीनशॉट (सोर्स:एक्स/स्क्रीनशॉट)

फैक्ट चैक

निर्णय असत्य

वायरल वीडियो पिछले साल पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक व्यवसायी के घर पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी का है.

क्लेम आईडी c2baa7ef

दावा क्या है? 

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव नज़दीक है और सभी पार्टियां प्रचार में जुट गई हैं. राजनीतिक यात्राओं और बैठकों के वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब प्रसारित हो रहे हैं. इसी बीच एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें काउंटिंग मशीन से नोटों की गिनती की जा रही है और बंडलों का ढेर नज़र आ रहा है. इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह मध्य प्रदेश के इंदौर में बीजेपी नेता शेखर अग्रवाल के घर पर की गई छापेमारी का है, जिसमें भारी मात्रा में पैसे बरामद हुए हैं.

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर वीडियो पोस्ट करते हुए एक यूज़र ने कैप्शन दिया, “मध्य प्रदेश के इंदौर मे दुनिया की सबसे बडी पार्टी  भारतीय जनता पार्टी* के नेता *शेखर अग्रवाल  के घर पर RAID पड़ी है।  इतनी रकम देखकर आपको इनकी ईमानदारी और इनकी चुनाव की तैयारी का आंकलन हो जाएगा। अब पता चला की ये कैसे दुनिया की सबसे बडी पार्टी हुई है.”  कैप्शन को हूबहू पेश किया गया है. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. इसी दावे के साथ अन्य वायरल पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां, यहां और यहां देखें. 

वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

हालांकि, हमारी जांच में सामने आया कि वायरल हो रहा वीडियो सितंबर, 2022 में पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक व्यवसायी के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी का है. 

सच्चाई क्या है? 

वीडियो को ध्यानपूर्वक देखने पर 30 सेकंड की समयावधि पर हमें एक प्लास्टिक बैग मिला जिस पर बांग्ला भाषा में कुछ लिखा हुआ था. इस दौरान हमने लोगों को बांग्ला में बात करते हुए भी सुना, जिससे संकेत मिला कि वीडियो का संबंध पश्चिम बंगाल से हो सकता है.

वायरल वीडियो में नज़र आने वाले प्लास्टिक बैग का स्क्रीनशॉट (सोर्स:एक्स/स्क्रीनशॉट)

इसके बाद, हमने संबंधित कीवर्ड्स और रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये वीडियो को खोजना शुरू किया और इसे 11 सितंबर, 2022 को एनडीटीवी इंडिया के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए एक न्यूज़ बुलेटिन में पाया, जिसका शीर्षक था- “Kolkata: Mobile Gaming App से जुड़े मामले में ED की छापेमारी, अब तक 17 करोड़ कैश बरामद”

एनडीटीवी इंडिया के यूट्यूब चैनल पर अपलोडेड वीडियो का स्क्रीनशॉट(सोर्स:एनडीटीवी इंडिया/स्क्रीनशॉट)

रिपोर्ट में बताया गया है कि ईडी ने कोलकाता में मोबाइल गेमिंग से जुड़े एक मामले में छापेमारी की, जिसमें अब तक (एनडीटीवी रिपोर्ट प्रकाशित होने तक) 17 करोड़ रुपये कैश बरामद हो चुके हैं. नोटों को गिनने के लिए 8 मशीनों की मदद ली जा रही है.

नीचे हमने वायरल वीडियो और एनडीटीवी के यूट्यूब चैनल पर मिले वीडियो के बीच तुलना की है, जिसमें दोनों के दृश्य में समानताएं देखी जा सकती हैं.

वायरल वीडियो और एनडीटीवी इंडिया के यूट्यूब के बीच तुलना (सोर्स: एक्स, यूट्यूब/स्क्रीनशॉट)

हमें यह वीडियो इंडिया टुडे के यूट्यूब चैनल पर 11 सितंबर, 2022 को अपलोड हुए एक न्यूज़ बुलेटिन में भी मिला. रिपोर्ट के मुताबिक़, मशीन से नोटों की गिनती और नोटों के बंडलों को दिखाने वाला दृश्य कोलकाता के गार्डन रीच इलाक़े में एक व्यवसायी के घर पर ईडी की छापेमारी के हैं. 10 सितंबर को एजेंसी ने कोलकाता में 6 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें एक कारोबारी आमिर खान का घर भी शामिल था.

टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि छापेमारी के दौरान व्यवसायी आमिर खान के घर से ₹17 करोड़ नकद बरामद किए गए थे. यह छापेमारी ई-नगेट्स (E-Nuggets) नाम के एक मोबाइल गेमिंग ऐप से जुड़े मामले में की गई थी, जिसे कथित तौर पर लोगों को धोखा देने के लिए डिज़ाइन किया गया था.

हमें 12 सितंबर, 2022 को ईडी के आधिकारिक एक्स हैंडल से शेयर किया गया कोलकाता छापे के बारे में एक पोस्ट भी मिला. इस पोस्ट में लिखा था, “ईडी ने मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन से संबंधित जांच के संबंध में PMLA, 2002 के तहत (10.09.2022 को) कोलकाता में 6 परिसरों में तलाशी अभियान चलाया. 17.32 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई. 

हमारी अब तक की जांच से स्पष्ट हो जाता है कि वायरल वीडियो हो रहा वीडियो मध्य प्रदेश का नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल के कोलकाता का है. यही वीडियो गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी नेता शेखर अग्रवाल के नाम से भी शेयर किया गया था. तब, लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने इसका फ़ैक्ट चेक किया था. यहां पढ़ें. 

शेखर अग्रवाल कौन है?

इस मामले पर हमने बीजेपी के इंदौर (ग्रामीण) ज़िलाध्यक्ष राजेश सोनकर से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया, “मेरी जानकारी में शेखर अग्रवाल नाम का कोई बीजेपी नेता इंदौर में नहीं है. मैं यह नाम पहली बार सुन रहा हूं.”

गूगल पर शेखर अग्रवाल के बारे में सर्च करने पर इस नाम से आम आदमी पार्टी का नेता दिखता है, बीजेपी नेता नहीं. हमने चुनाव आयोग और बीजेपी की आधिकारिक वेबसाइट भी चेक की लेकिन हमें इंदौर में इस नाम का कोई नेता नहीं मिला.

हमने जांच को आगे बढ़ाते हुए मध्य प्रदेश के इंदौर में बीजेपी नेता शेखर अग्रवाल के घर पर छापेमारी से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स खंगालनी शुरू की, लेकिन हमें ऐसी कोई भी रिपोर्ट नहीं मिली जो वायरल पोस्ट में किये गए दावे की पुष्टि करती हो. आमतौर पर, नेताओं के घर सरकारी एजेंसियों की छापेमारी की ख़बरें मीडिया जगत में प्रमुख सुर्ख़ियां बनती हैं, वो भी ऐसे राज्य में जो चुनाव के मुहाने पर खड़ा है.

निर्णय 

पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक व्यवसायी के घर पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी का एक पुराना वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि यह मध्य प्रदेश के इंदौर में बीजेपी नेता शेखर अग्रवाल के घर पर छापेमारी का है. इसलिए, हम दावे को ग़लत मानते हैं.

क्या आप फ़ैक्ट-चेक के लिए कोई दावा प्रस्तुत करना चाहेंगे या हमारी संपादकीय टीम से संपर्क करना चाहेंगे?

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ग्लोबल फैक्ट चेक पूरा हुआ

हमारे जीवन पर असर डालने वाले फैसलों के लिए हम सूचना पर भरोसा करते हैं, लेकिन इंटरनेट के जरिए ग़लत सूचनाएं इतनी तेजी से लोगों तक पहुंचाई जा रही है जैसा पहले कभी नहीं हुआ था.