बिहार में नाबालिग लड़की के साथ छेड़खानी का वीडियो फ़र्ज़ी सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया गया

लेखक: मोहम्मद सलमान
अगस्त 24 2023

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बिहार में नाबालिग लड़की के साथ छेड़खानी का वीडियो फ़र्ज़ी सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया गया

फैक्ट चैक

निर्णय असत्य

नाबालिग लड़की के साथ मारपीट और उत्पीड़न करने वालों की पहचान जितेंद्र कुमार, अभिषेक कुमार और नीतीश कुमार के रूप में हुई है.

क्लेम आईडी c5892789

(ट्रिगर चेतावनी : शारीरिक हमले और छेड़छाड़ का उल्लेख. पाठकों को विवेकाधिकार की सलाह)

संदर्भ

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि बिहार में चार मुसलमानों ने एक हिंदू लड़की से छेड़छाड़ और मारपीट की. 52 सेकेंड्स के इस वीडियो में दिखाया गया है कि कुछ लड़के एक लड़की को तंग कर रहे हैं. वीडियो शेयर करते हुए दावा किया गया है कि ये लड़के मुस्लिम समुदाय से हैं.

कई यूज़र्स ने इस वीडियो को शेयर किया है, एक वीडियो को 'शालिनी कुमावत' नामक यूज़र्स द्वारा शेयर किया गया है, जिसे 96 हजार से अधिक बार देखा गया है और 2.9 हजार से अधिक लाइक मिले हैं. इस अकाउंट ने वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि इसमें "जिहादियों" को दिखाया गया है, जो मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला अपमानजनक शब्द है, और मामले पर ध्यान न देने के लिए बिहार के नेताओं की आलोचना की गई है. वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन दिया गया है, “ये सीरिया नहीं है! पाकिस्तान भी नहीं है. ये भारत का बिहार है. बिहार में 4 जिहादियों ने मिलकर हिन्दू लड़की को घसीटा और अश्लीत हरकत करते रहे पूरे बिहार में ये आम बात है रोज़ हिन्दू परिवार पलायन कर रहे हैं, पर नीतीश कुमार & लालू परिवार जालीदार टोपी और ईद की सेवईयां में मस्त हैं.”

हालांकि, यह दावा ग़लत है. लड़की के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपियों की पहचान जीतेंद्र कुमार, अभिषेक कुमार और नीतीश कुमार के रूप में की गयी है. इसके अलावा पुलिस ने इस घटना में किसी सांप्रदायिक एंगल से इनकार किया है.

सच क्या है? 

ट्रू स्टोरी नाम के एक न्यूज़ पोर्टल ने 30 मई को ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए जानकारी दी कि यह घटना बिहार के गया में मगध मेडिकल पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले गुलरियाचक गांव में हुई थी. पोर्टल के मुताबिक़, चार से पांच लोगों ने एक लड़की के साथ उसके पुरुष मित्र के सामने छेड़छाड़ की और बाद में वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. इसमें यह भी कहा गया कि दो आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य की पहचान कर ली गई है.

हमने पाया कि पुलिस ने ट्विटर पर गिरफ़्तार हुए आरोपियों की तस्वीरें शेयर करते हुए प्रेस बयान जारी किया है. बयान में कहा गया है कि आईपीसी की धारा 294 (अश्लील हरकत, गाने, गाथागीत या शब्दों के लिए दंड), 509 (महिला की गरिमा को आहत करने वाले शब्द, इशारे या कृत्य के लिए दंड), 354बी (महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से उस पर हमला करना या आपराधिक बल प्रयोग), 341 (गलत तरीके से रास्ता रोकना), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सज़ा), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और आईटी अधिनियम 67 (29 मई 2023 को मगध मेडिकल पुलिस स्टेशन में इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करने का दंड) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

इसमें आगे कहा गया है कि दो लड़के गिरफ़्तार किए गये हैं और घटना में शामिल अन्य लोगों की पहचान कर ली गयी है. बयान में गिरफ़्तार अपराधियों की पहचान जीतेंद्र कुमार और अभिषेक कुमार के रूप में की गयी है जो गुलेरियाचक गांव से हैं. पुलिस ने यह भी कहा है कि लड़की के दोस्त को सुरक्षा दी गयी है और वह जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

गया पुलिस की ओर से 31 मई को जारी एक अन्य बयान में तीसरे संदिग्ध नीतीश कुमार की गिरफ़्तारी की घोषणा की गयी थी. पुलिस ने बताया कि ‘शालिनी कुमावत’ नामक ट्विटर अकाउंट ने इस वीडियो को सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने और बिहार की प्रतिष्ठा गिराने के मकसद से शेयर किया था. पुलिस ने आगे कहा कि वे पोस्ट हटा देंगे और अकाउंट के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करेंगे. बिहार पुलिस ने यह भी कहा कि पोस्ट में किए गए दावे ग़लत हैं और लोगों को “अफवाह फैलाने वाले लोगों” से आगाह किया.

नाबालिग के बारे में किसी भी तरह का ब्योरा देने में असमर्थता जताते हुए गया के वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने लॉजिकली फैक्ट्स को आरोपियों के नामों की ओर इशारा किया. उन्होंने कहा, "आप लड़कों के नाम से उनकी जाति का अंदाजा लगा सकते हैं और जांच चल रही है. मैं आपको बता सकता हूं कि पोस्ट फ़र्ज़ी हैं."

फ़ैसला

बिहार में कुछ लड़कों द्वारा एक लड़की के साथ छेड़खानी करने का वीडियो इस ग़लत दावे के साथ शेयर किया गया कि आरोपी मुसलमान हैं. बिहार पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है जिनकी पहचान जीतेंद्र कुमार, अभिषेक कुमार और नीतीश कुमार के रूप में हुई है. इसलिए, हम दावे को ग़लत मानते हैं.

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