राष्ट्रपति द्रौपती मुर्मू के भाषण का वीडियो पहलवानों के प्रदर्शन में उनके समर्थन के गलत दावे से वायरल

लेखक: अन्नेट प्रीथि फुर्टाडो
अगस्त 9 2023

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राष्ट्रपति द्रौपती मुर्मू के भाषण का वीडियो पहलवानों के प्रदर्शन में उनके समर्थन के गलत दावे से वायरल

फैक्ट चैक

निर्णय असत्य

राष्ट्रपति के भाषण का हिस्सा गलत संदर्भ में शेयर किया गया। उन्होंने अब तक पहलवानों के प्रदर्शन पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

क्लेम आईडी 4832a2b6

संदर्भ

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक वीडियो इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन प्रदर्शनकारी महिला पहलवानों को न्याय दिलाने की अपील की है, जिन्होंने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के प्रमुख पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। शेयर हो रही वीडियो क्लिप में कहा जा रहा है “पहली बार भारत की राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मू ने सार्वजनिक रूप से बोला है कि महिला पहलवानों को न्याय मिलना चाहिए...”

लगभग एक मिनट की इस वायरल क्लिप में न्यूज 24 का लोगो लगा हुआ है। इसमें राष्ट्रपति मुर्मू को कहते सुना जा सकता है, “मेरा मानना है कि उन्हें न्याय मिलना चाहिए।” वह जोर देती हैं, “यह आपकी जिम्मेदारी है। मैं महसूस करती हूं कि रास्ता निश्चित तौर पर है। हम कानून बनाते हैं। अगर एक कानून अस्तित्व में नहीं है तो इसे बनाया जाना चाहिए।” अपने भाषण के आखिर में वो वह कहती हैं, “मैं महसूस करती हैं कि उन्हें उचित न्याय और खुशियां मिलनी चाहिए। वे और कहां न्याय मांगने जाएंगी? मुख्य न्यायाधीश या सुप्रीम कोर्ट से ऊपर कोई संस्था नहीं है...”

इससे पहले अप्रैल में कई भारतीय पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायतों पर उचित कार्रवाई न होने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था । हालांकि, पहलवानों ने हाल में घोषणा की है कि वे अपने अभियान को सड़क पर विरोध प्रदर्शन से आगे अदालत तक ले जाएंगे और अपने हितों की रक्षा के लिए कानूनी रास्ते तलाशेंगे। 

सच्चाई

हिन्दी न्यूज चैनल न्यूज़ 24 से जुड़े यू ट्यूब चैनल में खोजबीन करने पर हमें चार मिनट वाला मुर्मू के भाषण का वीडियो मिला, जो 1 जून को अपलोड किया गया था। वायरल क्लिप इसी वीडियो का हिस्सा है और उसे गलत संदर्भ के साथ मुर्मू के भाषण को पहलवानों के प्रदर्शन से जोड़ते हुए शेयर किया जा रहा है। भारत की राष्ट्रपति के कार्यालय (राष्ट्रपति भवन) से जुड़े आधिकारिक यू ट्यूब चैनल पर भी हमने ये भाषण खोजा। राष्ट्रपति भवन के यूट्यूब चैनल पर झारखण्ड हाईकोर्ट परिसर में नए भवन के उद्घाटन समारोह का सीधा प्रसारण किया गया था। यह समारोह 24 मई को हुआ था और उसमें राष्ट्रपति मुर्मू के अलावा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जैसे कई गणमान्य लोग शामिल हुए थे। सोशल मीडिया पर वीडियो का जो हिस्सा वायरल हो रहा है, वो इस वीडियो में 1:18:18 घंटे के बाद आता है । हमने पाया कि अपने पूरे भाषण में कहीं भी राष्ट्रपति ने प्रदर्शनकारी पहलवानों का जिक्र नहीं किया। अपने भाषण में उन्होंने इस तथ्य पर सबका ध्यान खींचा कि भले ही बहुत लंबे समय बाद व्यक्तिगत तौर पर फैसले मिल जाते हैं, लेकिन इन फैसलों में वह न्याय नहीं होता है जिसका वादा किया जाता है।

इससे आगे मुर्मू गांव के परामर्श केंद्र में अपने काम के बारे में चर्चा करती हैं जहां उनकी टीम ऐसे मामलों पर नजर रखती थी, जिनको लेकर मान लिया गया है कि उनका निराकारण हो गया है।

वह याद करती हैं कि कई मामलों में लोगों ने उनसे संपर्क किया और बताया कि केस जीतने और उनके पक्ष में  फैसला आने के बावजूद वे फैसले लागू नहीं हुए। न्यायमूर्तियों और प्रदेश व केंद्र के मंत्रियों को संबोधित करते हुए मुर्मू ने इस बात पर जोर दिया कि वंचित समुदाय के लोगों के लिए वाजिब न्याय जरूरी है। उन्होंने मौजूद लोगों से जिम्मेदारी लेने और समाधान खोजने का आह्वान भी किया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर मौजूदा कानून पर्याप्त नहीं हैं तो नए कानून बनाए जाने चाहिए। भाषण के इस हिस्से को काट-छांट कर निकाला गया और इस झूठे दावे से शेयर किया गया कि राष्ट्रपति महिला पहलवानों को न्याय दिलाने के बारे में बात कर रही हैं।

हमें ऐसी कोई विश्वसनीय रिपोर्ट या सोशल मीडिया पोस्ट भी नहीं मिली, जिससे पुष्टि होती हो कि राष्ट्रपति मुर्मू ने महिला पहलवानों का समर्थन किया।

फैसला

झारखण्ड हाईकोर्ट के लिए नए भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भाषण वाले वीडियो के हिस्से को गलत संदर्भ के साथ शेयर किया जा रहा है। वीडियो शेयर कर ये झूठा दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रपति मुर्मू ने प्रदर्शनकारी महिला पहलवानों के लिए न्याय की मांग की है।

 

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