नहीं, कर्नाटक सरकार ने सिर्फ़ मुस्लिमों के लिए व्यावसायिक वाहनों पर सब्सिडी की घोषणा नहीं की

लेखक: मोहम्मद सलमान
सितंबर 7 2023

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नहीं, कर्नाटक सरकार ने सिर्फ़ मुस्लिमों के लिए व्यावसायिक वाहनों पर सब्सिडी की घोषणा नहीं की

सोर्स : एक्स, फ़ेसबुक/ स्क्रीनशॉट

फैक्ट चैक

निर्णय भ्रामक

यह योजना कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए लाई गई है जिसमें मुस्लिम, ईसाई, जैन, सिख, बौद्ध और पारसी शामिल हैं.

क्लेम आईडी 2248a66f

दावा क्या है? 

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया गया है कि कर्नाटक सरकार ने मुस्लिमों को “सौगात” देते हुए ऑटो, टैक्सी और मालवाहक वाहन ख़रीदने के लिए तीन लाख रुपये की सब्सिडी देने की घोषणा की है. इस पोस्ट को सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया जा रहा है और हिन्दुओं से एकजुट होने की अपील की जा रही है. 

इस पोस्ट को फ़ेसबुक और एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर बड़ी संख्या में यूज़र्स शेयर कर रहे हैं. एक एक्स यूज़र ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “मुस्लिमों को कर्नाटक सरकार की नई सौगात. हिंदू 200 - 300 में बिक गया है अब हिंदुओं की हालत देखो और मुसलमानों की हालत देखो.”

ये पोस्ट फ़ेसबुक पर भी इसी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है और हिन्दुओं से एकजुटता दिखाने की बात कही गयी है. एक यूज़र ने लिखा, “.. मोदी जी हट गए तो फिर यहां वही होगा जो आज कर्नाटक मे हो रहा है और भारत को इस्लामिक देश बनने से फिर कोई रोक नहीं पाएगा.”

वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स, फ़ेसबुक/स्क्रीनशॉट/Modified by Logically Facts)

हालांकि, हमारी जांच में सामने आया कि वायरल दावा भ्रामक है क्योंकि यह योजना कर्नाटक में कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास कॉर्पोरेशन लिमिटेड (KMDCL)  द्वारा राज्य के अल्पसंख्यकों के लिए लाई गई है जिसमें मुस्लिम, ईसाई, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी समुदाय के लोग शामिल हैं. 

फ़ैक्ट चेक 

लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने वायरल दावे की सत्यता जांचने के लिए संबंधित कीवर्ड्स के साथ खोजबीन शुरू की तो हमें 23 अगस्त, 2023 को प्रकाशित हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट मिली. यह रिपोर्ट कर्नाटक में अल्पसंख्यक छात्रों को सरकार द्वारा उपलब्ध कराये जाने वाले लोन के बारे में है. इस रिपोर्ट के आखिरी में हिस्से में बताया गया है कि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ज़मीर अहमद खान ने आधिकारिक तौर पर बेरोजगारों के लिए चार पहिया वाहन खरीदने के लिए ₹3 लाख की सब्सिडी योजना शुरू की है.

इससे हिंट लेकर, हम कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास कॉर्पोरेशन लिमिटेड की आधिकारिक वेबसाइट पर पहुंचे, जहां हमें एक विज्ञप्ति मिली, जिसका शीर्षक है - “टैक्सी/माल वाहन/यात्री ऑटोरिक्शा की ख़रीद के लिए सब्सिडी योजना.”

हमने इस सब्सिडी के लिए जारी दिशानिर्देश और योग्यताओं को ध्यानपूर्वक पढ़ा और पाया कि जिन लाभार्थियों को यात्री ऑटोरिक्शा/माल वाहन/टैक्सी की ख़रीद के लिए बैंकों से ऋण स्वीकृत किया गया है, उन्हें वाहन के मूल्य का 50% या अधिकतम 3 लाख रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी. इसमें महिलाओं को वरीयता देने की बात भी कही गयी है. 

KMDCL पर लिखा है कि आवेदक राज्य धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित होना चाहिए (सोर्स: केएमडीसीएल/स्क्रीनशॉट)

इस सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए मुख्य योग्यता यह है कि आवेदक राज्य धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित होना चाहिए. आवेदक राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए और सालाना आय 4.5 लाख के अन्दर होनी चाहिए. साथ ही अन्य ज़रूरी कागज़ात मांगे गए हैं.

हमने पाया कि इसमें कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि लाभार्थी केवल मुस्लिम समुदाय के होंगे. हालांकि, यह ज़रुर स्पष्ट किया गया है इस सब्सिडी का लाभ राज्य के अल्पसंख्यकों को मिलेगा. 

इसके बाद, हमने कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास कॉर्पोरेशन लिमिटेड की वेबसाइट के अबाउट सेक्शन में जाकर चेक किया. इसमें बताया गया है कि कर्नाटक में मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, जैन, सिख और पारसी समुदाय के लोग धार्मिक अल्पसंख्यक के अंतर्गत आते हैं. 

कर्नाटक में मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, जैन, सिख और पारसी समुदाय के लोग धार्मिक अल्पसंख्यक के अंतर्गत आते हैं (सोर्स: केएमडीसीएल/स्क्रीनशॉट)

 

यहां यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि कर्नाटक में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए ऐसी सब्सिडी कोई नई बात नहीं है — राज्य के अल्पसंख्यक विकास निगम के तहत सब्सिडी पिछली बीजेपी सरकार के दौरान भी चल रही थी. वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अपेक्षित लक्ष्य और प्राप्त परिणामों पर कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास कारपोरेशन लिमिटेड का एक दस्तावेज़ 'टैक्सी/माल/यात्री ऑटो वाहन ख़रीद सब्सिडी योजना' के तहत ख़र्च दिखाता है.

(सोर्स: www.kmdc.karnataka.gov.in)

इसके अलावा, कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पास “टैक्सी/माल वाहन ऑटो रिक्शा (2021-22) की ख़रीद के लिए सब्सिडी” नामक योजना का एक एक वेब पेज भी था. कर्नाटक में 2021-22 में सत्ता में रही बीजेपी ने “कर्नाटक राज्य में धार्मिक अल्पसंख्यकों” को 75,000 रुपये का ऋण दिया.


(सोर्स : www.karmin.in)

जब 2023 में नई कांग्रेस सरकार सत्ता में आई, तो मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जुलाई 2023 में बजट पेश करते हुए, "स्वावलंबी सारथी" योजना नामक एक नई योजना शुरू की, जिसका उद्देश्य राज्य में एससी/एसटी और अल्पसंख्यक समुदाय के बेरोज़गार लोगों को 4 लाख रुपये तक की सब्सिडी प्रदान करना था.

कर्नाटक सरकार की वेबसाइट पर पाए गए बजट दस्तावेज़ में, यह ज़िक्र किया गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय के बेरोज़गार युवा 50 प्रतिशत (अधिकतम 3 लाख रुपये) और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बेरोज़गार युवा सब्सिडी के पात्र होंगे. (एससी/एसटी) समुदाय "स्वावलंबी सारथी" योजना के तहत 75 प्रतिशत (अधिकतम राशि 4 लाख रुपये) तक की सब्सिडी के लिए पात्र होंगे.

दस्तावेज़ में यह भी ज़िक्र किया गया है कि "पिछड़े वर्ग" के बेरोज़गार युवाओं को चार पहिया वाहनों की ख़रीद पर 50 प्रतिशत (अधिकतम राशि 3 लाख रुपये) तक की सब्सिडी दी जाएगी.

स्वावलंबी सारथी योजना का ज़िक्र करते बजट दस्तावेज़ के अंश. (स्रोत: स्क्रीनशॉट/finance.karnataka.gov.in)

निर्णय 

हमारी अब तक की जांच से स्पष्ट हो जाता है कि कर्नाटक में सिर्फ़ मुस्लिमों को व्यावसायिक वाहनों की ख़रीद पर सब्सिडी नहीं दी जा रही, बल्कि यह योजना अल्पसंख्यकों के लिए है जिसमें मुस्लिम, ईसाई, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी शामिल हैं. इसलिए, हम वायरल दावे को भ्रामक मानते हैं.

 

(अपडेट: इस स्टोरी को यह दिखाने के लिए अपडेट किया गया है कि पिछली बीजेपी सरकार के दौरान भी इसी तरह की योजना मौजूद थी.)

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