अक्टूबर 6 2023
राजस्थान सरकार ने कन्हैयालाल के परिवार को 50 लाख रुपये की सहायता और उनके दोनों बेटों को नौकरी दी थी, इसकी बात की पुष्टि ख़ुद उनके बेटे यश ने की है.
दावा क्या है?
राजस्थान के जयपुर में बीते शनिवार को इक़बाल नाम के एक युवक को लाठी-डंडों से पीटकर मार दिया गया था, जिसके बाद इलाक़े में तनाव व्याप्त हो गया. पुलिस का दावा है कि हमले का कारण सड़क पर झगड़े के बाद हुई ग़लतफ़हमी थी. इस घटना के बाद राज्य सरकार ने मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपये की सहायता राशि दी. इसके साथ ही, डेरी बूथ का आवंटन और परिवार के एक सदस्य को संविदा पर नौकरी देने की घोषणा की गयी है.
इस बीच सोशल मीडिया पर इस घटना से जुड़ा एक पोस्ट वायरल हो रहा है (आर्काइव वर्ज़न यहां देखें). इसमें एक बैंक चेक की तस्वीर है, जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि जयपुर के रामगंज में आपसी झगड़े में मारे गए इकबाल को 50 लाख रुपये देने का ऐलान किया गया है, जबकि उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या के बाद महज़ 5 लाख रुपये दिए गए थे. दरअसल, पिछले साल जून में उदयपुर में दो मुस्लिम युवकों ने कन्हैयालाल नाम के एक टेलर की हत्या कर दी थी, क्योंकि उसने कथित तौर पर नुपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मुहम्मद पर की गई विवादित टिप्पणी के समर्थन में पोस्ट किया था.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) और फ़ेसबुक पर सांप्रदायिक रंग देकर शेयर की जा रही इस पोस्ट के ज़रिए राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर भेदभाव और तुष्टीकरण का आरोप लगाया जा रहा है.
इसी दावे के साथ शेयर किये गए अन्य पोस्ट यहां, यहां, यहां और यहां देखें.
वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, वायरल दावा ग़लत है क्योंकि राजस्थान सरकार ने कन्हैयालाल के परिवार को 50 लाख रुपये की सहायता और उनके दोनों बेटों को सरकारी नौकरी दी थी, इस बात की पुष्टि ख़ुद कन्हैयालाल के बेटे यश ने लॉजिकली फ़ैक्ट्स से की है. वहीं, इक़बाल के परिवार को भी 50 लाख की सहायता और एक सदस्य को संविदा पर नौकरी प्रदान की गयी है.
सच्चाई क्या है?
हमने राजस्थान के जयपुर में इक़बाल नाम के युवक की कथित हत्या से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स चेक की तो 1 अक्टूबर, 2023 को प्रकाशित इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट मिली जिसमें जयपुर के पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ के हवाले से घटना के बारे में बताया गया है, “घटना शुक्रवार देर रात सुभाष चौक पुलिस थाने की सीमा के अंतर्गत हुई. दो मोटरसाइकिलें टकरा गईं और दो युवक (उनमें से एक), जो इसे देखने के लिए रुके थे, पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया. इसका कोई मकसद नहीं था, कुछ ग़लतफ़हमी थी.'' पुलिस के मुताबिक़, इकबाल कथित तौर पर बाइक सवारों के गिरने के बाद उनकी मदद करने के लिए रुका था.
रिपोर्ट के मुताबिक़, मौके पर मौजूद इक़बाल की कथित तौर पर दूसरे समुदाय के एक स्थानीय व्यक्ति से बहस हो गई. इसके बाद कुछ स्थानीय लोगों ने इक़बाल पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया. इकबाल बेहोश हो गया और उसे एसएमएस अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान शुक्रवार देर रात उसने दम तोड़ दिया. आरोपी और मृतक दूसरे समुदाय से होने कारण पूरे इलाक़े में तनाव पैदा हो गया.
पुलिस महानिदेशक के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, पुलिस ने लगभग 15 लोगों को हिरासत में लिया है.
द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक़, ज़िला प्रशासन ने घटना के कुछ ही समय बाद मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की और राज्य सरकार ने पीड़ित के परिवार के एक सदस्य को संविदा नौकरी देने की घोषणा की. इसकी पुष्टि स्थानीय विधायक अमीन कागज़ी के एक फ़ेसबुक पोस्ट में भी की गई है. इसमें बैंक चेक की वही तस्वीर मौजूद है जो वायरल पोस्ट में शेयर की गयी है. नईमा परवीन मृतक इक़बाल की माँ हैं.
विधायक अमीन कागज़ी के फ़ेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: फ़ेसबुक/स्क्रीनशॉट)
उदयपुर हत्याकांड में मृतक कन्हैयालाल के परिवार को मिली थी 50 लाख की सहायता
पिछले साल जून 2022 में उदयपुर के एक टेलर कन्हैयालाल ने कथित तौर पर नूपुर शर्मा द्वारा की गयी पैगंबर मुहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणी के समर्थन में पोस्ट किया था, जिसके बाद दो युवकों ने उनकी बेरहमी से हत्या कर दी थी. इसके बाद, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मृतक के परिवार से मुलाक़ात करके 50 लाख की आर्थिक सहायता और दो बेटों को सरकारी नौकरी प्रदान की थी. मुख्यमंत्री गहलोत ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) और फ़ेसबुक के ज़रिये इसकी सूचना दी थी.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक्स पोस्ट का स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
राजस्थान सरकार की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में भी मृतक कन्हैयालाल के परिवार को दिए गए 50 लाख रुपये के मुआवज़े का ज़िक्र है.
मुख्यमंत्री कार्यालय की अधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद प्रेस विज्ञप्ति (सोर्स: सीएमओ ऑफिस/स्क्रीनशॉट)
अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने कन्हैयालाल के बेटे यश से संपर्क किया, जिसमें उन्होंने वायरल दावे का खंडन किया और इस तथ्य की पुष्टि की कि उन्हें सरकार से 50 लाख रुपये की सहायता राशि मिली है. “घोषणा के 2-3 दिनों में ही हमें 50 लाख मिल गए थे. हम दोनों भाईयों को सरकारी नौकरी भी मिली है. वर्तमान में हम ज़िला कलेक्टर ऑफिस में तैनात हैं” यश ने लॉजिकली फ़ैक्ट्स को बताया.
उन्होंने राजस्थान सरकार की ओर से दिए गए 50 लाख रुपये के चेक की तस्वीर भी हमारे साथ शेयर की.
हमें राजस्थान के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का फ़ेसबुक पोस्ट मिला, जिसमें विभाग के ही फ़ैक्ट चेकिंग विंग के पोस्ट को शेयर करते हुए वायरल पोस्ट में किये गए दावे को तथ्यहीन और भ्रामक बताया गया है.
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के फ़ेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट (सोर्स: डीआईपीआर/स्क्रीनशॉट)
निर्णय
सोशल मीडिया पर वायरल यह दावा किया कि राजस्थान सरकार ने जयपुर में मारे गए इक़बाल को 50 लाख मुआवज़ा दिया, जबकि उदयपुर में कन्हैयालाल के परिवार को महज़ 5 लाख मुआवज़ा दिया, ग़लत है. क्योंकि, कन्हैयालाल के परिवार को 50 लाख और दोनों बेटों को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है. इसलिए, हम दावे को ग़लत मानते हैं.