किसानों की ट्रैक्टर रैली का पुराना वीडियो मौजूदा विरोध-प्रदर्शन से जोड़कर वायरल

लेखक: उम्मे कुलसुम
फ़रवरी 16 2024

शेयर आर्टिकल: facebook logo twitter logo linkedin logo
किसानों की ट्रैक्टर रैली का पुराना वीडियो मौजूदा विरोध-प्रदर्शन से जोड़कर वायरल

सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा है कि ट्रैक्टर रैली का यह वीडियो मौजूदा विरोध-प्रदर्शन का वीडियो है. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

फैक्ट चैक

निर्णय भ्रामक

इस वीडियो का मौजूदा किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है. यह 2021 में हरियाणा के कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे पर आयोजित ट्रैक्टर रैली का है.

क्लेम आईडी 7456d17e

किसानों का मौजूदा विरोध-प्रदर्शन, जिसे "किसान आंदोलन 2.0" कहा जा रहा है, 2020 और 2021 के बीच दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलित हुए किसानों पर आधारित है. मौजूदा आंदोलन 'दिल्ली चलो' मार्च का हिस्सा है, जिसमें हजारों किसान अपनी फ़सल  के लिए अधिक कीमत और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग के लिए दिल्ली के पास शंभू सीमा पर जुटे हैं. रॉयटर्स के मुताबिक़, पुलिस बलों ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया है.

दावा क्या है?

इस बीच, एक टोल प्लाजा के पास ट्रैक्टर रैली दिखाने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा है कि यह मौजूदा विरोध-प्रदर्शन का वीडियो है. एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “भारत - किसान!! इसे अभी एक भारतीय  ने कैप्शन के साथ भेजा है: 'भारतीय किसान नई दिल्ली पर कब्ज़ा करने की राह पर हैं' यह ग्लोबलिस्ट्स और क्लाइमेट कम्युनिज्म के ख़िलाफ़ एक वैश्विक लड़ाई है जिसे सभी भूमि और संसाधनों को राज्य को सौंपने के लिए डिज़ाइन किया गया है.” इस पोस्ट को 229,000 बार देखा जा चुका है और क़रीब 5,000 बार रीपोस्ट किया गया है. ऐसी पोस्टों के आर्काइव वर्ज़न यहां और यहां देखे जा सकते हैं.

वायरल पोस्ट के स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

हालांकि, हमारी जांच में सामने आया कि यह वीडियो तीन विवादास्पद कृषि कानूनों (जिन्हें बाद में निरस्त कर दिया गया था) के ख़िलाफ़ 2021 के किसानों के विरोध प्रदर्शन का है.

हमने सच का पता कैसे लगाया? 

हमें वायरल वीडियो पर "56050545" आईडी वाले एक शेयर चैट वॉटरमार्क नज़र आया. आगे जांच में हमें शेयर चैट पर समान आईडी वाला यही वीडियो मिला. हालांकि, यहां सटीक तारीख नहीं बताई गई थी, लेकिन इससे संकेत मिलता है कि वीडियो तीन साल पहले पोस्ट किया गया था.

वीडियो के कीफ़्रेम के ज़रिये रिवर्स इमेज सर्च से हमें "ट्रू लाइन ਸੱਚੀ ਲਾਈਨ" नाम के फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल पर 24 जनवरी, 2021 का एक पोस्ट मिला. इसके अलावा, हमें 25 जनवरी, 2021 का एक और फ़ेसबुक पोस्ट मिला, जिसमें वर्तमान में शेयर किया जा रहा वीडियो मौजूद था. पोस्ट के मुताबिक़, वीडियो में 2021 गणतंत्र दिवस से पहले किसानों की रैली दिखाई गई है. इससे पुष्टि होती है कि वीडियो हालिया नहीं है.

हमें अपनी जांच के दौरान द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो में दिखाए गए दृश्यों से मिलती-जुलती एक तस्वीर थी. रिपोर्ट में बताया गया है कि यह 7 जनवरी, 2021 को वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, जिसे केएमपी एक्सप्रेसवे भी कहा जाता है, पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान लिया गया था. इसके अलावा, 'पंजाब न्यूज़' नाम के एक स्थानीय पंजाबी न्यूज़ आउटलेट पर भी वही तस्वीर मौजूद है.

वायरल वीडियो के दृश्यों और पंजाब न्यूज़ की एक तस्वीर की तुलना. (सोर्स एक्स/पंजाब न्यूज़/स्क्रीनशॉट)

हमें किसान एकता मोर्चा द्वारा उनके फ़ेसबुक पेज पर 8 जनवरी, 2021 को पोस्ट की गई तस्वीरें भी मिलीं, जिनमें किसानों की ट्रैक्टर रैली को दिखाया गया है. उनमें से, एक तस्वीर टोल प्लाजा के सामने वाले हिस्से को दिखाती है, जिसमें टोलगेट से बाहर निकलते हुए ट्रैक्टर दिखाई दे रहे हैं.

किसान एकता मोर्चा द्वारा पोस्ट की गई ट्रैक्टर रैली की एक तस्वीर. (सोर्स: फ़ेसबुक/किसान एकता मोर्चा)

इसके साथ, हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि केएमपी एक्सप्रेसवे पर 2021 की किसानों की ट्रैक्टर रैली का एक पुराना वीडियो मौजूदा किसान आंदोलन से जोड़कर प्रसारित हो रहा है.

हमारी रिसर्च के मुताबिक़, 15 फ़रवरी 2024 तक केएमपी एक्सप्रेसवे के पास किसी किसान की ट्रैक्टर रैली नहीं हुई है. किसानों द्वारा आयोजित 2024 'दिल्ली चलो' मार्च को हरियाणा के अंबाला के पास शंभू सीमा पर रोक दिया गया.

2021 किसानों की ट्रैक्टर रैली

जनवरी 2021 में, कई किसानों ने दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाली सिंघू सीमा के पास एक ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया था. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, किसान केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे थे. क़ानून विवादास्पद थे, और किसानों का मानना था कि वे उनकी आजीविका को ख़त्म कर देंगे.

ट्रैक्टर रैली एक महत्वपूर्ण घटना थी, जिसने भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया दोनों का ध्यान आकर्षित किया था. 

निर्णय

हमारी अब तक की जांच से स्पष्ट है कि वायरल वीडियो मौजूदा किसान विरोध प्रदर्शन से पहले का है. यह जनवरी 2021 से ऑनलाइन मौजूद है और इसमें 2021 गणतंत्र दिवस से पहले ट्रैक्टर रैली को दिखाया गया है. इसलिए, हम इस वायरल दावे को भ्रामक मानते हैं. 

(ट्रांसलेशन: सलमान)

इस फैक्ट चेक को पढ़ें

English , অসমীয়া , हिंदी

क्या आप फ़ैक्ट-चेक के लिए कोई दावा प्रस्तुत करना चाहेंगे या हमारी संपादकीय टीम से संपर्क करना चाहेंगे?

0
ग्लोबल फैक्ट चेक पूरा हुआ

हमारे जीवन पर असर डालने वाले फैसलों के लिए हम सूचना पर भरोसा करते हैं, लेकिन इंटरनेट के जरिए ग़लत सूचनाएं इतनी तेजी से लोगों तक पहुंचाई जा रही है जैसा पहले कभी नहीं हुआ था.